Thursday 11 May 2017

कविता. १४०५. किसी नजर का।

                                                 किसी नजर का।
किसी नजर का एहसास कुछ बात अलगसी बताता है वह कुछ जीवन मे कहता है जिसे मन बार बार समझ लेना चाहता है उस नजर का राज बडा दिलचस्प नजर आता है जाने क्यूँ जीवन उसे यादों मे बार बार दोहराता है।
किसी नजर कि कश्मकश से मन कुछ खालीसा हो जाता है वह हर पल के साथ उसे सुलझाने कि जरुरत को समझना चाहता है उस नजर का कारवाँ निगाहों कि आवाज बनकर कोई कहानी बार बार दोहराता है।
किसी नजर कि कोशिश से मन कुछ राह अलगसी बताता है वह हर इशारे के संग नजरों कि कहानियाँ बनता है जिसे पहचान लेने को हर पल मन चाहता है उस नजर का एहसास कोई उजाला ले आता है वह उस दिशा का मकसद बार बार दोहराता है।
किसी नजर का किनारा कुछ कोशिश अलगसी बताता है वह हर इरादे के संग चट्टानों से टकराना बचपन का खेल बताता है वह हिंमत देना चाहता है उस नजर का असर कई पत्थरों को तोडने का किस्सा बार बार दोहराता है।
किसी नजर का एहसास कुछ उम्मीद अलगसी बताता है वह हर सूखे पत्ते मे भी एक जान नयी लाता है वह उम्मीद कि दिशाए बताता है वह कहता है उस सूखी डाली से अफसोस क्यूँ पतझड का मौसम बहार को बार बार दोहराता है।
किसी नजर का इरादा कुछ राह उजाले कि अलगसी बताता है वह हर कदम मे तूफान का इरादा देकर जाता है वह मतलब अलग बताता है वह हर कहानी मे हर किरदार को अलग ताकत का एहसास देकर सही बात बार बार दोहराता है।
किसी नजर का विश्वास जीवन मे मुश्किल से लढने कि राह बताता है वह हर सोच मे किनारों कि आस देकर जाता है वह मकसद को अलग राह बताता है वह हर बार लढने मे भी मुस्कान ही सौगात बार बार दोहराता है।
किसी नजर का एतबार जीवन मे बदलाव का लम्हा बताता है वह हर राह को अलग किस्से के संग बताकर जाता है वह जीवन मे बिना सोचे अपने दम पर तूफानों से लढने का हौसला बताता है वह हर बार जीवन मे सच कि जीत कि कहानी बार बार दोहरता है।
किसी नजर का एहसास जीवन मे अलग इशारा बताता है वह हर किस्से को अलग उजाले के संग इरादे बताकर जाता है वह जीवन मे मतलब का कोई किनारा बताता है वह अलग रंगों का सहारा बताता है वह हर बार उम्मीदों से भरी बाते बार बार दोहराता है।
किसी नजर का देखना मन को हर बार एक पुकार बताता है वह हर इरादे को अलग समझ दिखाकर आगे जाने कि उम्मीदे हर मौके को हर पल मे बताता है वह अलग खयाल का इशारा हर मोड पर बताता है वह हर बार मुस्कान को बार बार दोहराता है। 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४६. सपनों को एहसासों की।

                               सपनों को एहसासों की। सपनों को एहसासों की कहानी कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों की समझ सरगम सुनाती है उम्मीदों...