Monday 1 May 2017

कविता. १३८४. हर मौसम के संग।

                                                             हर मौसम के संग।
हर मौसम के संग किस्सों मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई किनारों को अलग इशारों से नजारों को मतलब दिखाती है जो मौसम के संग कहानियों को अलग पुकार के साथ हर पल मे मिलती है।
हर मौसम के संग कहानियों मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई दास्तानों को अलग बदलाव से समझ को मकसद दिखाती है जो हवाओं के संग जीवन को अलग एहसास के साथ हर मौके मे मिलती है।
हर मौसम के संग जीवन मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई एहसासों को अलग पुकार से समझ को मतलब दिखाती है जो रोशनी के संग जीवन को अलग मुस्कान के साथ हर इरादे मे मिलती है।
हर मौसम के संग पहचान मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई इशारों को अलग सुबह से समझ को मतलब दिखाती है जो रोशनी के संग जीवन को अलग पुकार के साथ हर किनारे मे मिलती है।
हर मौसम के संग एहसास मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई पुकारों को अलग एहसास से सुबह को उजाला दिखाती है जो किनारों के संग जीवन को अलग बदलाव के साथ हर इरादे मे मिलती है।
हर मौसम के संग मकसद मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई राहों को अलग बदलाव से समझ को पहचान दिखाती​ है जो दिशाओं के संग जीवन को अलग एहसास के साथ हर मकसद मे मिलती है।
हर मौसम के संग इशारों मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई दास्तानों को अलग पुकार से समझ को एहसास दिखाती है जो हवाओं के संग जीवन को अलग सुबह के साथ हर मतलब मे मिलती है।
हर मौसम के संग इरादों मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई किनारों को अलग बदलाव से समझ को पहचान दिखाती है जो राहों के संग जीवन को अलग धारा के साथ हर इरादे मे मिलती है।
हर मौसम के संग पहचानों मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई पहचानों को अलग पुकार से रोशनी को अलग सुबह कि दास्तान दिखाती है जो किनारों के संग अलग रोशनी के​ साथ हर उजाले मे मिलती है।
हर मौसम के संग किनारों मे बदलाव कि आवाज बनती है जो जीवन मे कई इशारों को अलग आस से एहसास को अलग पुकार कि समझ दिखाती है जो दिशाओं के संग अलग उजाले के साथ हर आवाज मे मिलती है।

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