Friday 18 March 2016

कविता ५६७. अपनी आजादी

                                                    अपनी आजादी
अपनी आजादी तो अक्सर अपने ही दिल मे होती है पर उसे भूला देने कि आदत हमारी मुश्किल बनती है अपनी आजादी तो अपनी ताकद होती है
पर खुद ही हम उसे खो देते है यह हमारी आदत होती है आजादी हमारे जीवन कि एक जरुरी ताकद होती है जो हमे आगे ले जाती है
जीवन मे खुद को समझ लेना हमारी जरुरत होती है आजादी तो हमारे मन के पंखों मे है हमे जीवन मे उन्हे मजबूत बनाने कि जरुरत अक्सर होती है
आजादी जब जीवन को साँसे बनकर मिलती है तभी उसमे दुनिया कि किस्मत जिन्दा रहती है मन कि आजादी ही तो सबसे मेहँगी अमानत होती है
इसलिए लोगों कि उस पर हर बार हर मोड पर गडी हुई नजर रहती है आजादी कि ताकद हमेशा दुनिया कि सच्ची जरुरत होती है
आजादी तो जीवन कि सबसे किंमती चीज होती है पेहचान लो उस आजादी कि अहमियत को क्योंकि उस से ही दुनिया मे किस्मत बनती है
आजादी तो सिर्फ हमारे सोच कि ताकद होती है उसे खो देते है तो दुनिया कि हर राह मुसीबत बनकर आगे बढती है वही हमारी जरुरत होती है
जब पंखोंमे आजादी हो हम उपर तक उड जाते है उनके सहारे से ही तो हम जीवनमे आगे बढते है क्योंकि पंखों मे जो ताकद होती है वह जीवन कि ताकद होती है
आजादीको छिन लेने कि कोशिश तो हर बार दुनिया करती ही है पर उसे बचाने कि ताकद हमे हर बार खुद के अंदर रखनी होती है
आजादी तो जीवन कि जरुरी नीव होती है जिसे समझ लेने कि जरुरत तो हर बार होती है आजादी तो जीवन को ना खो दे तो दुनिया खुबसूरत होती है
आजादी तो वही सोच है जो जीवन कि कहानी बनती है जीवन को समझ लेने कि जरुरत हर बार हमे उम्मीदे देकर आगे ले जाती है

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