Monday, 28 March 2016

कविता ५८७. नयी शुरुआत

                                                       नयी शुरुआत
कई बार नयी शुरुआत जीवन को एहसासों कि सौगाद दे जाती है जो हमे आगे ले जाती है हमारा जीवन बदलकर आगे बढती है
हर नयी शुरुआत जीवन को कई किनारे दे जाती है वह जीवन को वही एहसास दे पाती है जो जीवन को समझ लेने कि जरुरत बन जाता है
जीवन मे हर मोड कि शुरुआत हमारी दुनिया बनती है जीवन को समझकर उसे हर बार अलग अलग किनारों पर नया एहसास दे जाती है
हर बार जो शुरुआत हमे जीवन कि साँसे दे जाती है उसे समझकर आगे बढने कि उम्मीदे दे जाती है वही शुरुआत हर बार सही नजर आती है
शुरुआत को समझ पाना भी अक्सर आसान नही होता है क्योंकि कभी कभी कोई शुरुआत हमारे जीवन के खयालों मे चुपके से आती है
हर मोड पर आगे बढने कि जरुरत होती है शुरुआत के अंदर अलग एहसास की ताकद हर बार हर राह पर आती जाती है
चीजों को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती ही है चीजों कि शुरुआत हमारी दुनिया बनाती है हमे अलगसी ताकद और मकसद दे जाती है
शुरुआत के अंदर जीवन को मतलब तो हर पल जीवन कि सोच दे जाती है वह हमे हर बार ताकद और उम्मीदे देकर आगे जाती है
शुरु मे ही जीवन को मतलब दे जानेवाली राह जरुरी होती है जो जीवन को हर बार एहसास कि नई कहानी बताती है वह हमे आगे ले जाती है
शुरुआत के अंदर ही हमारे अलग सोच के पेहलू छुपे होते है जीवन मे छुपी शुरुआत उतनी ही हमारी है जितनी सीधी शुरुआत जरुरी है

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