Friday 11 March 2016

कविता ५५३. अलग तरीके

                                              अलग तरीके
हर बार जीवन को अलग तरीके से समझाते पर जाने क्यूँ जीवन मे कुछ किस्से बाकी ही रह जाते है जीवन को हर बार अलग तरीके से पाते है
हर सुबह फिर अलग तरीके हमे दिख जाते है जीवन को हर एक सुबह हम समझ लेना चाहते है उसे परख कर हम आगे ले जाना हर पल चाहते है
अलग अलग दिशाओं मे तो हम जीवन मे जाते है उनके अंदर ही दुनिया को जिन्दा रखना हम हर बार हर मोड पर चाहते है
जीवन के कई तरीके है जो जीवन को मतलब दे जाते है हर सुबह हम जीवन को समझकर हर बार हर बात को परख लेना चाहते है
कई तरीके जिन्हे हम समझ लेना जरुरी समझते है जो हर बार समझ लेते है हम जीवन को मतलब हर मोड पर अलग मतलब दे जाते है
तरह तरह के तरीके से हम जीवन को समझ तो लेते है पर हर बार किसी अलग खयाल के साथ हमे नये मोड पर पाते है
कई किनारे और कई तरीके अपनाकर हम जीवन कि सोच बदलते जाते है जीवन को समझ लेना चाहते है उसकी दिशा बदलते जाते है
जीवन को एक तरीके से समझ तो हम लेते है पर जीवन को हर सुबह कुछ अलग ही पाते है उसमे अलग अलग किनारे नजर आते है
कई तरीके तो जीवन कि कहानी बताते है जिन्हे हम समझ लेना चाहते है पर कुछ तरीकों से ही तो जीवन कि दुनिया आगे बढती है
एक तरीके से कहाँ किस्मत बनती है जीवन को जो हर सुबह समझे उसकी तो दुनिया रोशन होती है उसे सच्ची खुशियाँ मिलती है

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