Thursday, 3 March 2016

कविता ५३७. यादों को समझ लेना

                                            यादों को समझ लेना
यादों को समझ लेने से ही कभी कभी जीवन कि नई शुरुआत होती है यादों कि बिना कभी कभी जीवन कि कहानी अधूरीसी लगती है
जीवन मे कई यादे हर बार है आती उन्हे समझ लेने से ही तो जीवन कि कहानी हर बार बनती है और आगे ले जाती है
यादों को मतलब देना हम चाहे या ना चाहे उन यादों के संग ही दुनिया को समझ लेने कि जरुरत हर बार पडती है जो हमे ताकद देती है
यादे तो जीवन कि कहानी हर बार आगे ले जाती है उन यादों के अंदर जीवन को परख लेने कि जरुरत हर बार लगती है
कुछ यादे जीवन मे अक्सर ऐसी होती है जिनसे दुनिया कि कश्ती हर बार बनती है यादों को समझ लिए बिना हमारी दुनिया आगे नही जा पाती है
कुछ यादे जीवन कि कहानी हर मोड पर आगे लिखती है यादे ही तब जरुरत बन जाती है क्योंकि वही यादे ही जीवन का कदम बन जाती है
यादे ही तो जीवन को मतलब दे जाती है क्योंकि यादे ही तो हमारी ताकद बन पाती है यादों मे ही हमारे जीवन कि मेहनत होती है
जो हमे आगे ले जाती है आखिर जो सीखा हम आजमा लेते है वह भी तो पढी हुई चीजों कि यादे ही होती है जो हमे राह दिखाती है
हर याद हमारे जीवन कि उलझन नही होती है कुछ यादे हमारे जीवन कि शुरुआत होती है क्योंकि वह यादे हमे सही राह दे जाती है
जीवन मे हर बार राहों को समझ लेने कि ही तो जीवन कि जरुरत होती है पर याद ही तो कभी कभी हमे दूसरों कि सीखाई बाते याद दिलाती है
यादे जब कुछ सिखाती है तब वह बाते जीवन मे जरुरी होती है अहम नजर आती है जीवन को नई सुबह और रोशनी दे जाती है

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