Monday 28 March 2016

कविता ५८६. अफसाने को बयान करना

                                                   अफसाने को बयान करना
हर अफसाने को बयान करने के कई बहाने होते है जो हमे उम्मीदे देते है वही कुछ घाव पुराने होते है जो आगे चल कर मुसीबत बन के दिखाते है
अफसाने जीवन के अंदर अक्सर अलग असर दे जाते है अफसानों कि जीवन मे अलग कहानी हर बार हर मोड पर अक्सर बनती है जो हमे आगे ले जाती है
अफसाने जो जीवन को मतलब दे जाते है उनमे कई बहानों कि सोच छुपी होती है अफसानों कि कहानी जो हमे रोशनी तो हर मोड पर दे जाती है
उसे समझ लेने कि जरुरत हर मोड पर दिशाए देती है हर अफसाने मे जीवन कि सोच हमे धारा तो अलगसी दे जाती है नई उम्मीदे अक्सर रोशनी ले कर आती है
अफसाने कि कहानी हमारी हकिकत हर बार बदलती है हमे जीवन मे कोई अलग मतलब दे कर दुनिया कि रीत बदल कर जाती है रोशनी कमजोर बनाती है
अफसाने तो जीवन कि दिशाए बदल कर खुशियाँ दे कर जाते है हर एक अफसाने के अंदर एहसास कई किसम के होते है जो जीवन कि कहानी बदल देते है
पर अफसाना हम कैसे बयान करते है उस सोच के बलबुते पर ही हम दुनिया मे जीते रहते है अफसानों को हर एक बार हम समझ लेने कि कोशिश मे आगे बढते है
अफसाने जो बनते है उनके अंदर हम दुनिया को समझ लेते है अफसानों को समझकर ही तो हम जीवन कि धारा मे आगे बढते जाते है रोशनी को परख लेते है
अफसाने हर बार जीवन को बयान तो करते है पर उसमे सही तरीके होते ही है जीवन के हर मोड को समझ लेने कि जरुरत हर बार होती है पर अफसाने हमे अलग दुनिया दिखाते है
जो अफसाने सही तरीके से बयान हो और सीधी राहे दे जाये वही जीवन कि सुबह बनते है गलत तरीकों से कहे तो सुबह मे भी अँधेरे के निशान मिलते है

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