Sunday 12 March 2023

कविता. ४७४३. लहरों कि आहट से।

                                         लहरों कि आहट से।

लहरों कि आहट से अरमानों कि पुकार इशारा देती है कदमों को अदाओं कि परख अफसाना देती है किनारों को सपनों कि सुबह दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से आशाओं कि सौगात कोशिश देती है राहों को अंदाजों कि आस सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि सौगात दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से अंदाजों कि तलाश कहानी देती है सपनों को एहसासों कि रोशनी सुबह देती है किनारों को अल्फाजों कि सोच दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से कदमों कि आहट तराना देती है लम्हों को खयालों कि समझ किनारा देती है नजारों को अफसानों कि रोशनी दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से किनारों कि मुस्कान खयाल देती है अंदाजों को बदलावों कि सोच पहचान देती है लम्हों को अरमानों कि पुकार दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से उजालों कि सुबह कोशिश देती है कदमों को एहसासों कि समझ सपना देती है खयालों को नजारों कि सुबह दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से जज्बातों कि सौगात इरादा देती है किनारों को अल्फाजों कि सरगम तलाश देती है कदमों को अदाओं कि परख दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से आशाओं कि राह एहसास देती है तरानों को उम्मीदों कि सुबह पुकार देती है अंदाजों को बदलावों कि सोच दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से आवाजों कि धून सहारा देती है जज्बातों को अदाओं कि परख रोशनी देती है आवाजों को आशाओं कि आस दास्तान सुनाती है।

लहरों कि आहट से इशारों कि राह किनारा देती है अफसानों को आशाओं कि सरगम कोशिश देती है इशारों को सपनों कि परख दास्तान सुनाती है।


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