Tuesday, 14 March 2023

कविता. ४७४५. उजालों कि पुकार अक्सर।

                             उजालों कि पुकार अक्सर।

उजालों कि पुकार अक्सर दिशाओं से तलाश दिलाती है अदाओं को तरानों कि सुबह सरगम सुनाती है जज्बातों कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर उम्मीदों से आवाज दिलाती है लहरों को इशारों कि पहचान अफसाना सुनाती है खयालों कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर अल्फाजों से आस दिलाती है दास्तानों को एहसासों कि रोशनी कोशिश सुनाती है राहों कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर अरमानों से लहर दिलाती है किनारों को अल्फाजों कि सौगात आस सुनाती है लम्हों कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर अंदाजों से सपना दिलाती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह कोशिश सुनाती है तरानों कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर जज्बातों से उमंग दिलाती है तरानों को अरमानों कि सोच किनारा सुनाती है अफसानों कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर बदलावों से तलाश दिलाती है लम्हों को तरानों कि पहचान खयाल सुनाती है आशाओं कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर दास्तानों से पहचान दिलाती है कदमों को जज्बातों कि राह अल्फाज सुनाती है नजारों कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर तरानों से अरमान दिलाती है इशारों को अफसानों कि रोशनी अरमान सुनाती है किनारों कि मुस्कान दिलाती है।

उजालों कि पुकार अक्सर लहरों से अंदाज दिलाती है अल्फाजों को आशाओं कि पहचान एहसास सुनाती है अफसानों कि मुस्कान दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५७०७. अरमानों की आहट अक्सर।

                       अरमानों की आहट अक्सर। अरमानों की आहट  अक्सर जज्बात दिलाती है लम्हों को एहसासों की पुकार सरगम सुनाती है तरानों को अफसा...