Thursday, 30 March 2023

कविता. ४७६१. उमंग कि आहट से।

                                    उमंग कि आहट से। 

उमंग कि आहट से आशाओं कि सरगम सुनाती है कदमों को उजालों कि पुकार पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों कि समझ कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से अरमानों कि सोच सुनाती है किनारों को सपनों कि आस अहमियत दिलाती है कदमों को अदाओं कि परख कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से आवाजों कि धून सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि समझ अदा दिलाती है सपनों को एहसासों कि सुबह कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से लहरों कि पुकार सुनाती है राहों को अंदाजों कि आस अहमियत दिलाती है जज्बातों को कदमों कि उम्मीद कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से दास्तानों कि परख सुनाती है दिशाओं को बदलावों कि सौगात तलाश दिलाती है किनारों को अंदाजों कि परख कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से अंदाजों कि आस सुनाती है नजारों को दिशाओं कि समझ कहानी दिलाती है बदलावों को इशारों कि आस कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से दिशाओं कि कहानी सुनाती है इरादों को आशाओं कि सरगम तराना दिलाती है लहरों को नजारों कि सौगात कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से उजालों कि पहचान सुनाती है राहों को अंदाजों कि परख खयाल दिलाती है इरादों को आशाओं कि पुकार कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से जज्बातों कि सुबह सुनाती है सपनों को आवाजों कि धून पुकार दिलाती है इशारों को लम्हों कि पहचान कोशिश सुनाती है।

उमंग कि आहट से इशारों कि सौगात सुनाती है उजालों को राहों कि मुस्कान किनारा दिलाती है लहरों को इरादों कि सुबह कोशिश सुनाती है।

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