Wednesday 29 March 2023

कविता. ४७६०. उजालों को सपनों कि।

                                    उजालों को सपनों कि।

उजालों को सपनों कि लहर कोशिश दिलाती है दास्तानों कि परख से एहसासों कि रोशनी सहारा सुनाती है कदमों कि आहट खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि सरगम सुबह दिलाती है नजारों कि पहचान से लहरों कि सोच अरमान सुनाती है उम्मीदों कि समझ खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि आस तलाश दिलाती है उम्मीदों कि सौगात से कदमों कि आहट अफसाना सुनाती है तरानों कि सुबह खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि रोशनी आवाज दिलाती है इशारों कि सरगम से अंदाजों कि परख पहचान सुनाती है दास्तानों कि आस खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि सौगात तराना दिलाती है कदमों कि आहट से जज्बातों कि मुस्कान बदलाव सुनाती है राहों कि कोशिश खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि उमंग पुकार दिलाती है किनारों कि मुस्कान से दास्तानों कि अल्फाज इरादा सुनाती है अंदाजों कि आहट खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि उम्मीद नजारा दिलाती है जज्बातों कि सोच से अरमानों कि पुकार पहचान सुनाती है इरादों कि मुस्कान खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि तलाश आहट दिलाती है लहरों कि सरगम से आशाओं कि सोच अल्फाज सुनाती है नजारों कि सौगात खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि कोशिश परख दिलाती है अंदाजों कि आस से नजारों कि सौगात इशारा सुनाती है अल्फाजों कि लहर खयाल दिलाती है।

उजालों को सपनों कि आस अफसाना दिलाती है दिशाओं कि समझ से आवाजों कि धून दास्तान सुनाती है लम्हों कि रोशनी खयाल दिलाती है।

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