Monday 27 March 2023

कविता. ४७५८. दास्तानों से कदमों कि आहट।

                                 दास्तानों से कदमों कि आहट।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर सपनों कि लहर दिलाती है तरानों को अरमानों कि राह किनारा दिलाती है इशारों को लम्हों कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर नजारों कि सोच दिलाती है खयालों को अंदाजों कि आस कोशिश दिलाती है उजालों को राहों कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर जज्बातों कि मुस्कान दिलाती है किनारों को अल्फाजों कि राह आवाज दिलाती है अदाओं को जज्बातों कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर आशाओं कि सरगम दिलाती है नजारों को दिशाओं कि कहानी अरमान दिलाती है आवाजों को बदलावों कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर अंदाजों कि रोशनी दिलाती है जज्बातों को अफसानों कि समझ इशारा दिलाती है लहरों को उजालों कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर राहों कि पहचान दिलाती है एहसासों को उम्मीदों कि लहर अहमियत दिलाती है किनारों को सपनों कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर अरमानों कि पुकार दिलाती है लम्हों को तरानों कि सुबह दास्तान दिलाती है अंदाजों को दिशाओं कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर एहसासों कि सोच दिलाती है आशाओं को बदलावों कि सौगात कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर उम्मीदों कि पहचान दिलाती है इरादों को जज्बातों कि सरगम सुबह दिलाती है खयालों को नजारों कि आस धारा देती है।

दास्तानों से कदमों कि आहट अक्सर लहरों कि सरगम दिलाती है लम्हों को अरमानों कि कोशिश पहचान दिलाती है अल्फाजों को उजालों कि आस धारा देती है।

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