Sunday, 26 March 2023

कविता. ४७५७. तरानों को अरमानों कि।

                                     तरानों को अरमानों कि।

तरानों को अरमानों कि लहर एहसास दिलाती है कदमों कि आहट अक्सर आशाओं को बदलावों कि राह देकर जाती है नजारों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि पुकार किनारा दिलाती है खयालों कि समझ अक्सर जज्बातों को अंदाजों कि आस देकर जाती है बदलावों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि कोशिश परख दिलाती है लहरों कि सरगम अक्सर आवाजों को अदाओं कि अफसाना देकर जाती है इशारों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि आस अल्फाज दिलाती है किनारों कि मुस्कान अक्सर उम्मीदों को खयालों कि समझ देकर जाती है अंदाजों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि सरगम उमंग दिलाती है अंदाजों कि आस अक्सर बदलावों को दिशाओं कि रोशनी देकर जाती है दास्तानों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि आवाज तलाश दिलाती है कदमों कि राह अक्सर इशारों को अंदाजों कि पहचान देकर जाती है जज्बातों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि उम्मीद रोशनी दिलाती है किनारों कि मुस्कान अक्सर उम्मीदों को लम्हों कि सुबह देकर जाती है लहरों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि आस सपना दिलाती है लम्हों कि रोशनी अक्सर आवाजों को राहों कि कोशिश देकर जाती है अल्फाजों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि सौगात सरगम दिलाती है इशारों कि सरगम अक्सर बदलावों को लहरों कि आहट देकर जाती है अफसानों कि सोच दिलाती है।

तरानों को अरमानों कि दास्तान सुबह दिलाती है उजालों कि पुकार अक्सर दिशाओं को कदमों कि तलाश देकर जाती है सपनों कि सोच दिलाती है।


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