Saturday 25 March 2023

कविता. ४७५६. आवाजों को इशारों से।

                                     आवाजों को इशारों से।

आवाजों को इशारों से अरमानों कि कोशिश अक्सर अल्फाज दिलाती है कदमों कि आहट जुड़कर अदाओं कि तलाश अहमियत पुकार सुनाती है।

आवाजों को इशारों से अल्फाजों कि राह अक्सर खयाल दिलाती है अंदाजों कि आस जुड़कर किनारों कि मुस्कान अहमियत आहट सुनाती है।

आवाजों को इशारों से नजारों कि सौगात अक्सर जज्बात दिलाती है एहसासों कि रोशनी जुड़कर तरानों कि सुबह अहमियत कोशिश सुनाती है।

आवाजों को इशारों से जज्बातों कि आस अक्सर रोशनी दिलाती है अरमानों कि पुकार जुडकर बदलावों कि सोच अहमियत किनारा सुनाती है।

आवाजों को इशारों से अंदाजों कि सुबह अक्सर पहचान दिलाती है अदाओं कि परख जुड़कर दिशाओं कि समझ अहमियत खयाल सुनाती है।

आवाजों को इशारों से बदलावों कि सोच अक्सर परख दिलाती है उजालों कि सौगात जुड़कर दास्तानों कि कोशिश अहमियत आस सुनाती है।

आवाजों को इशारों से दिशाओं कि समझ अक्सर पुकार दिलाती है तरानों कि पहचान जुड़कर उम्मीदों कि समझ अहमियत दास्तान सुनाती है।

आवाजों को इशारों से कदमों कि आहट अक्सर सपना दिलाती है खयालों कि मुस्कान जुड़कर दास्तानों कि पहचान अहमियत अल्फाज सुनाती है।

आवाजों को इशारों से खयालों कि तलाश अक्सर उमंग दिलाती है नजारों कि सुबह जुड़कर एहसासों कि रोशनी अहमियत उम्मीद सुनाती है।

आवाजों को इशारों से किनारों कि मुस्कान अक्सर उजाला दिलाती है लम्हों कि पुकार जुड़कर अरमानों कि सोच अहमियत नजारा सुनाती है।

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