Thursday 16 March 2023

कविता. ४७४७. सपने देकर जाती है।

                                      सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि तलाश अक्सर दास्तानों कि कहानी देती है कदमों को अदाओं कि सरगम इशारा दिलाती है लम्हों को खयालों कि समझ सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि लहर अक्सर दिशाओं कि कोशिश देती है नजारों को खयालों कि पुकार सहारा दिलाती है इरादों को आशाओं कि सरगम सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि राह अक्सर आशाओं कि सोच देती है तरानों को उजालों कि सुबह दास्तान दिलाती है कदमों को जज्बातों कि आस सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि सौगात अक्सर इशारों कि सुबह देती है किनारों को अल्फाजों कि कोशिश खयाल दिलाती है लहरों को एहसासों कि रोशनी सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि सोच अक्सर तरानों कि पहचान देती है अदाओं को एहसासों कि समझ किनारा दिलाती है अरमानों को आवाजों कि धून सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि उमंग अक्सर जज्बातों कि मुस्कान देती है खयालों को अंदाजों कि आस सरगम दिलाती है उजालों को बदलावों कि पुकार सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि आस अक्सर बदलावों कि तलाश देती है लहरों को नजारों कि पहचान कोशिश दिलाती है दिशाओं को कदमों कि आहट सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि रोशनी अक्सर अल्फाजों कि आस देती है जज्बातों को खयालों कि लहर अदा दिलाती है किनारों को अंदाजों कि सुबह सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि परख अक्सर अरमानों कि कोशिश देती है दास्तानों को एहसासों कि रोशनी आवाज दिलाती है लहरों को नजारों कि सौगात सपने देकर जाती है।

उम्मीदों कि पहचान अक्सर इशारों कि समझ देती है किनारों को अल्फाजों कि राह बदलाव दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि कोशिश सपने देकर जाती है।

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