Friday 3 March 2023

कविता. ४७३४. सपनों कि राहे अक्सर।

                                    सपनों कि राहे अक्सर।

सपनों कि राहे अक्सर अरमानों कि दिशाएं देती है लम्हों को खयालों कि समझ किनारा दिलाती है लहरों को नजारों कि तलाश इरादा देती है।

सपनों कि राहे अक्सर अफसानों कि अदाएं देती है कदमों को उजालों कि पुकार पहचान दिलाती है जज्बातों को अंदाजों कि आस इरादा देती है।

सपनों कि राहे अक्सर दास्तानों कि कोशिश देती है खयालों को आवाजों कि धून एहसास दिलाती है अरमानों को दिशाओं कि कहानी इरादा देती है।

सपनों कि राहे अक्सर अल्फाजों कि मुस्कान देती है किनारों को अंदाजों कि परख आस दिलाती है दास्तानों को अदाओं कि कोशिश इरादा देती है।

सपनों कि राहे अक्सर जज्बातों कि सोच देती है तरानों को उम्मीदों कि समझ बदलाव दिलाती है अफसानों को आशाओं कि सरगम इरादा देती है।

सपनों कि राहे अक्सर अंदाजों कि परख देती है खयालों को किनारों कि मुस्कान आस दिलाती है लहरों को आवाजों कि धून इरादा देती है।

सपनों कि राहे अक्सर अदाओं कि पुकार देती है उम्मीदों को तरानों कि सौगात तलाश दिलाती है दास्तानों को अंदाजों कि परख इरादा देती है।

सपनों कि राहे अक्सर कदमों कि आहट देती है नजारों को दिशाओं कि समझ सरगम दिलाती है एहसासों को अल्फाजों कि मुस्कान इरादा देती है।

सपनों कि राहें अक्सर किनारों कि आस देती है अरमानों को कदमों कि पुकार कोशिश दिलाती है अरमानों को उजालों कि सुबह इरादा देती है।

सपनों कि राहें अक्सर आवाजों कि सरगम देती है अदाओं को दास्तानों कि परख पहचान दिलाती है अफसानों को आशाओं कि सोच इरादा देती है।

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