Friday 17 March 2023

कविता. ४७४८. आशाओं कि सरगम से।

                                     आशाओं कि सरगम से।

आशाओं कि सरगम से कदमों कि आहट अल्फाज दिलाती है लम्हों संग किनारों कि सोच अरमान जगाती है उजालों को सपनों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से खयालों कि समझ बदलाव दिलाती है लहरों संग इशारों कि कोशिश अदा जगाती है एहसासों को उम्मीदों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से किनारों कि सोच अरमान दिलाती है नजारों संग दिशाओं कि कहानी खयाल जगाती है दास्तानों को एहसासों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से तरानों कि सुबह अल्फाज दिलाती है जज्बातों संग कदमों कि आहट अफसाना जगाती है तरानों को अरमानों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से अदाओं कि परख अहमियत दिलाती है अंदाजों संग बदलावों कि सौगात आस जगाती है लहरों को इशारों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से उम्मीदों कि रोशनी आवाज दिलाती है अदाओं संग तरानों कि पहचान इशारा जगाती है किनारों को सपनों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से अंदाजों कि पुकार सहारा दिलाती है कदमों संग उजालों कि राह सहारा जगाती है इरादों को आवाजों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से नजारों कि सौगात कोशिश दिलाती है लम्हों संग आवाजों कि धून पहचान जगाती है अरमानों को दास्तानों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से खयालों कि समझ सपना दिलाती है नजारों संग अंदाजों कि परख तलाश जगाती है दिशाओं को कदमों कि राह दिलाती है।

आशाओं कि सरगम से लहरों कि सुबह एहसास दिलाती है दास्तानों संग तरानों कि सुबह तराना जगाती है अदाओं को दिशाओं कि राह दिलाती है।

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