Wednesday 1 March 2023

कविता. ४७३२. राह को कदमों कि।

                                       राह को कदमों कि।

राह को कदमों कि आहट तलाश दिलाती है लहरों से दिशाओं कि मुस्कान कोशिश सुनाती है अदाओं को तरानों कि पहचान आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि सोच सुबह दिलाती है नजारों से उजालों कि पुकार अहमियत सुनाती है जज्बातों को कदमों कि सरगम आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि सौगात कोशिश दिलाती है अंदाजों से सपनों कि आस किनारा सुनाती है अफसानों को अल्फाजों कि मुस्कान आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि उमंग पहचान दिलाती है लम्हों से खयालों कि समझ बदलाव सुनाती है आशाओं को इशारों कि सौगात आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि परख अरमान दिलाती है इरादों से आशाओं कि उमंग तराना सुनाती है लम्हों को अफसानों कि रोशनी आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि कोशिश अफसाना दिलाती है इशारों से लहरों कि कोशिश तलाश सुनाती है एहसासों को अदाओं कि आस आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि अदा किनारा दिलाती है बदलावों से एहसासों कि सुबह कोशिश सुनाती है इशारों को दास्तानों कि अहमियत आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि पुकार नजारा दिलाती है अरमानों से अदाओं कि पुकार अहमियत सुनाती है लहरों को नजारों कि पहचान आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि उमंग जज्बात दिलाती है खयालों से अंदाजों कि परख पुकार सुनाती है अरमानों को दिशाओं कि कहानी आवाज सुनाती है।

राह को कदमों कि उम्मीद अल्फाज दिलाती है नजारों से उजालों कि राह आस सुनाती है अंदाजों को खयालों कि समझ आवाज सुनाती है।

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