Thursday 23 March 2023

कविता. ४७५४. दिशाओं कि परख

                                        दिशाओं कि परख

दिशाओं कि परख अक्सर उम्मीदों कि धाराएं देती है तरानों को अरमानों कि पहचान इशारे देकर जाती है किनारों को सपनों कि कोशिश आस दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर उजालों कि राह देती है दास्तानों को एहसासों कि रोशनी कोशिश देकर जाती है नजारों को खयालों कि समझ आस दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर जज्बातों कि सोच देती है कदमों को अदाओं कि आहट किनारा देकर जाती है आवाजों को राहों कि मुस्कान आस दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर लम्हों कि रोशनी देती है किनारों को सपनों कि लहर एहसास देकर जाती है आशाओं को बदलावों कि सौगात आस‌ दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर अंदाजों कि पुकार देती है तरानों को अरमानों कि सुबह इरादे देकर जाती है जज्बातों को कदमों कि आहट आस दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर लहरों कि सरगम देती है नजारों को खयालों कि मुस्कान तराना देकर जाती है इशारों को अंदाजों कि सोच आस दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर कदमों कि आहट देती है जज्बातों को अंदाजों कि राह तलाश देकर जाती है दास्तानों को किनारों कि मुस्कान आस दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर अरमानों कि पहचान देती है अल्फाजों को तरानों कि सुबह कोशिश देकर जाती है अदाओं कि रोशनी आस दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर दास्तानों कि अहमियत देती है नजारों को सपनों कि आवाज सरगम देकर जाती है बदलावों को राह कि सुबह आस दिलाती है।

दिशाओं कि परख अक्सर खयालों कि समझ देती है कदमों को उजालों कि पुकार बदलाव देकर जाती है इरादों कि तलाश को कोशिश आस दिलाती है।


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