Monday 16 October 2023

कविता. ४९६१. कदमों संग आशाओं की।

                               कदमों संग आशाओं की।

कदमों संग आशाओं की परख सरगम सुनाती है तरानों को उम्मीदों की कहानी पहचान तराना दिलाती है लम्हों से खयालों की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की आस एहसास सुनाती है लहरों को इशारों की समझ अफसाना दिलाती है इशारों से अरमानों की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की सुबह सपना सुनाती है किनारों को अल्फाजों की आस अदा दिलाती है बदलावों से दिशाओं की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की तलाश कोशिश सुनाती है अदाओं को नजारों की कोशिश खयाल दिलाती है लहरों से इशारों की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की सोच सुबह सुनाती है दास्तानों को किनारों की पुकार तराना दिलाती है नजारों से अल्फाजों की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की समझ कोशिश सुनाती है बदलावों को दिशाओं की कहानी सरगम दिलाती है अदाओं से इरादों की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की सौगात आस सुनाती है लम्हों को खयालों की समझ किनारा दिलाती है सपनों से लहरों की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की रोशनी दास्तान सुनाती है अदाओं को तरानों की कोशिश अल्फाज दिलाती है किनारों से अफसानों की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की उम्मीद आहट सुनाती है उजालों को एहसासों की सुबह तराना दिलाती है अरमानों से आवाजों की मुस्कान रहती है।

कदमों संग आशाओं की लहर अल्फाज सुनाती है अंदाजों को बदलावों की सोच सहारा दिलाती है उजालों से दास्तानों की मुस्कान रहती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...