Tuesday 24 October 2023

कविता. ४९६९. सपनों को उम्मीदों की।

                             सपनों को उम्मीदों की।

सपनों को उम्मीदों की कहानी सरगम दिलाती है लम्हों को खयालों की कोशिश दास्तान सुनाती है तरानों को किनारों संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की आस अफसाना दिलाती है नजारों को दिशाओं की रोशनी सुबह सुनाती है नजारों को दिशाओं संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की कोशिश आस दिलाती है लहरों को इशारों की समझ सरगम सुनाती है जज्बातों को आशाओं संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की सरगम आवाज दिलाती है अदाओं को सपनों की सोच अफसाना सुनाती है दास्तानों को राहों संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की उमंग खयाल दिलाती है राहों को अरमानों की पुकार पहचान सुनाती है आशाओं को बदलावों संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की राह किनारा दिलाती है दास्तानों को अदाओं की परख तराना सुनाती है कदमों को जज्बातों संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की समझ इरादा दिलाती है खयालों को अंदाजों की कहानी आहट सुनाती है अल्फाजों को राहों संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की सरगम आस दिलाती है उजालों को एहसासों की सुबह पहचान सुनाती है बदलावों को दिशाओं संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की सुबह अंदाज दिलाती है तरानों को लम्हों की परख पुकार सुनाती है उजालों को अरमानों संग तलाश दिलाती है।

सपनों को उम्मीदों की अदा रोशनी दिलाती है आशाओं को खयालों की मुस्कान अल्फाज सुनाती है राहों को आवाजों संग तलाश दिलाती है।

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