Thursday, 19 October 2023

कविता. ४९६४. उजालों से आवाजों की।

                               उजालों से आवाजों की।

उजालों से आवाजों की धून अफसाना दिलाती है तरानों को अरमानों की आहट सरगम सुनाती है लम्हों को किनारों से अल्फाजों की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की पुकार आस दिलाती है लहरों को इशारों की समझ कोशिश सुनाती है नजारों को एहसासों से अदाओं की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की परख खयाल दिलाती है सपनों को दिशाओं की राह अल्फाज सुनाती है अंदाजों को बदलावों से कदमों की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की सोच किनारा दिलाती है अंदाजों को बदलावों की सोच तलाश सुनाती है लहरों को नजारों से आशाओं की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की राह अल्फाज दिलाती है दिशाओं को अंदाजों की आस कोशिश सुनाती है इशारों को सपनों से नजारों की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की सुबह पहचान दिलाती है अदाओं को तरानों की सौगात तलाश सुनाती है खयालों को उम्मीदों से किनारों की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की उमंग लहर दिलाती है नजारों को अरमानों की पुकार बदलाव सुनाती है सपनों को एहसासों से दिशाओं की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की आस अरमान दिलाती है किनारों को सपनों की सुबह आहट सुनाती है कदमों को अदाओं से उम्मीदों की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की सरगम सौगात दिलाती है खयालों को अंदाजों की परख एहसास सुनाती है किनारों को अल्फाजों से दास्तानों की मुस्कान दिलाती है।

उजालों से आवाजों की समझ एहसास दिलाती है लम्हों को अरमानों की पुकार पहचान सुनाती है इरादों को आशाओं से लहरों की मुस्कान दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...