Wednesday, 25 October 2023

कविता. ४९७०. दिशाओं को कदमों की।

                               दिशाओं को कदमों की।

दिशाओं को कदमों की आस पहचान दिलाती है लम्हों से खयालों संग किनारों की पुकार अरमान जगाती है अंदाजों को जज्बातों की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की राह सपना दिलाती है लहरों से आशाओं संग आवाजों की आहट अल्फाज जगाती है नजारों को किनारों की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की सौगात तलाश दिलाती है इरादों से एहसासों संग लहरों की मुस्कान कोशिश जगाती है उजालों को अदाओं की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की सरगम परख दिलाती है इशारों से अरमानों संग दास्तानों की सोच उमंग जगाती है उम्मीदों को आशाओं की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की आवाज रोशनी दिलाती है अल्फाजों से राहों संग सपनों की आस अहमियत जगाती है इशारों को लम्हों की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की कहानी आहट दिलाती है नजारों से अंदाजों संग जज्बातों की समझ पहचान जगाती है अदाओं को तरानों की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की लहर सहारा दिलाती है सपनों से बदलावों संग नजारों की कहानी सौगात जगाती है राहों को अफसानों की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की अदा कोशिश दिलाती है दास्तानों से आवाजों संग अफसानों की आस जज्बात जगाती है नजारों को इशारों की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की उम्मीद अल्फाज दिलाती है तरानों से अल्फाजों संग राहों की सोच लहर जगाती है एहसासों को अदाओं की सुबह देकर जाती है।

दिशाओं को कदमों की सरगम इरादा दिलाती है आशाओं से अरमानों संग आवाजों की धून अल्फाज जगाती है राहों को अंदाजों की सुबह देकर जाती है।

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