Wednesday 4 October 2023

कविता. ४९४९. सपनों को लहरों की।

                                 सपनों को लहरों की।

सपनों को लहरों की कहानी सुबह दिलाती है अंदाजों को इशारों की समझ तलाश सुनाती है कदमों को अदाओं की पहचान कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की आस आवाज दिलाती है दिशाओं को बदलावों की सौगात सोच सुनाती है तरानों को उम्मीदों की परख कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की रोशनी अंदाज दिलाती है इरादों को लम्हों की आस सरगम आवाज सुनाती है नजारों को दास्तानों की कहानी कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की मुस्कान अरमान दिलाती है अदाओं को तरानों की उम्मीद अल्फाज सुनाती है किनारों को खयालों की उमंग कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की जज्बात आस दिलाती है आशाओं को अरमानों की पुकार परख सुनाती है जज्बातों को राहों की सौगात कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की आहट सुबह दिलाती है कदमों को उजालों की सरगम दास्तान सुनाती है अफसानों को आशाओं की रोशनी कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की अदा पहचान दिलाती है जज्बातों को किनारों की आस अंदाज सुनाती है नजारों को अल्फाजों की सोच कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की समझ तलाश दिलाती है तरानों को लम्हों की मुस्कान पहचान सुनाती है इरादों को उम्मीदों की सुबह कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की आवाज खयाल दिलाती है नजारों को अंदाजों की परख एहसास सुनाती है उजालों को जज्बातों की पुकार कोशिश देती है।

सपनों को लहरों की आस अरमान दिलाती है कदमों को इशारों की सुबह अहमियत सुनाती है एहसासों को खयालों की उमंग कोशिश देती है।


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