Monday, 2 October 2023

कविता. ४९४७. दिशाओं को मुस्कान अक्सर।

                            दिशाओं को मुस्कान अक्सर।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर उजाला देकर जाती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश सुनाती है लम्हों को जज्बातों संग कदमों की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर उमंग देकर जाती है तरानों को अरमानों की कोशिश सुनाती है अल्फाजों को उजालों संग किनारों की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर दास्तान देकर जाती है नजारों को खयालों की राह सुनाती है एहसासों को अफसानों संग आशाओं की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर सपना देकर जाती है उजालों को अदाओं की कहानी सुनाती है इशारों को अंदाजों संग जज्बातों की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर आवाज देकर जाती है लम्हों को आवाजों की धून सुनाती है अल्फाजों को बदलावों संग उम्मीदों की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर तलाश देकर जाती है कदमों को इरादों की सौगात सुनाती है तरानों को अरमानों संग तरानों की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर कोशिश देकर जाती है सपनों को एहसासों की सुबह सुनाती है खयालों को आवाजों संग सपनों की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर सरगम देकर जाती है अफसानों को राहों की पहचान सुनाती है उम्मीदों को किनारों संग बदलावों की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर लहर देकर जाती है तरानों को अरमानों की पुकार सुनाती है कदमों को आशाओं संग लहरों की आस दिलाती है।

दिशाओं को मुस्कान अक्सर सौगात देकर जाती है किनारों को अल्फाजों की कोशिश सुनाती है एहसासों को अदाओं संग नजारों की आस दिलाती है।

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