Thursday 26 October 2023

कविता. ४९७१. किनारों को सपनों की।

                                किनारों को सपनों की।

किनारों को सपनों की तलाश सहारा दिलाती है जज्बातों को कदमों की आहट इशारा सुनाती है उजालों से आशाओं की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की सुबह खयाल दिलाती है लम्हों को दास्तानों की परख इरादा सुनाती है उम्मीदों से धाराओं की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की आस सरगम दिलाती है इशारों को लहरों की मुस्कान पहचान सुनाती है आवाजों से अफसानों की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की उमंग तराना दिलाती है खयालों को अंदाजों की सौगात लहर सुनाती है इरादों से एहसासों की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की राह अहमियत दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी पुकार सुनाती है अंदाजों से कदमों की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की सोच अफसाना दिलाती है कदमों को अदाओं की सरगम सपना सुनाती है दास्तानों से लम्हों की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की उम्मीद अल्फाज दिलाती है बदलावों को राहों की सौगात अरमान सुनाती है जज्बातों से नजारों की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की पहचान खयाल दिलाती है लहरों को आशाओं की परख आवाज सुनाती है तरानों से दिशाओं की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की समझ सरगम दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी एहसास सुनाती है उजालों से आवाजों की कोशिश देकर जाती है।

किनारों को सपनों की आस दास्तान दिलाती है कदमों को जज्बातों की सौगात तलाश सुनाती है अफसानों से अंदाजों की कोशिश देकर जाती है।

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