Thursday 5 October 2023

कविता. ४९५०. रोशनी को एहसासों की।

                             रोशनी को एहसासों की।

रोशनी को एहसासों की कहानी सरगम दिलाती है लहरों को इशारों की समझ कोशिश देती है तरानों को उम्मीदों की आहट आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की कोशिश पहचान दिलाती है लम्हों को खयालों की सौगात सरगम देती है राहों को अंदाजों की अदा आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की सौगात परख दिलाती है नजारों को दिशाओं की पुकार आवाज देती है कदमों को उजालों की उमंग आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की तलाश बदलाव दिलाती है सपनों को अरमानों की समझ सौगात देती है किनारों को अल्फाजों की सोच आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की आवाज जज्बात दिलाती है दास्तानों को अंदाजों की सुबह तराना देती है अफसानों को दिशाओं की कोशिश आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की पहचान इशारा दिलाती है उजालों को सपनों की कोशिश परख देती है आवाजों को लहरों की मुस्कान आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की उमंग किनारा दिलाती है आशाओं को तरानों की आवाज सपना देती है नजारों को अरमानों की परख आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की समझ खयाल दिलाती है अंदाजों को जज्बातों की पहचान पुकार देती है सपनों को आवाजों की सौगात आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की लहर अल्फाज दिलाती है इरादों को उम्मीदों की कहानी बदलाव देती है किनारों को लम्हों की आहट आस सुनाती है।

रोशनी को एहसासों की सुबह अरमान दिलाती है नजारों को दिशाओं की समझ तलाश देती है अफसानों को किनारों की पुकार आस सुनाती है।

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