Sunday 22 October 2023

कविता. ४९६७. उम्मीद को खयालों की।

                                उम्मीद को खयालों की।

उम्मीद को खयालों की लहर एहसास दिलाती है लम्हों को दास्तानों की मुस्कान सरगम सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की कोशिश अरमान दिलाती है जज्बातों को तरानों की सौगात तलाश सुनाती है इशारों को अंदाजों की राह आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की सोच अफसाना दिलाती है सपनों को एहसासों की कहानी सुबह सुनाती है अल्फाजों को उजालों की उमंग आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की सौगात तलाश दिलाती है आवाजों को बदलावों की समझ तराना‌ सुनाती है इरादों को आशाओं की सोच आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की आवाज राह दिलाती है कदमों को इरादों की कहानी अल्फाज सुनाती है लम्हों को अफसानों की रोशनी आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की आहट लहर दिलाती है अरमानों को दिशाओं की समझ दास्तान सुनाती है कदमों को अदाओं की पुकार आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की परख बदलाव दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह पहचान सुनाती है अंदाजों को इशारों की मुस्कान आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की पुकार समझ दिलाती है लहरों को अदाओं की परख अरमान सुनाती है जज्बातों को कदमों की सोच आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की सोच सुबह दिलाती है किनारों को अरमानों की रोशनी तलाश सुनाती है लहरों को आवाजों की धून आस दिलाती है।

उम्मीद को खयालों की उमंग अहमियत दिलाती है इशारों को लम्हों की पहचान आहट सुनाती है अफसानों को उजालों की कोशिश आस दिलाती है।

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