ख्वाब को चुप के से समज लेना
कभी कोई ख्वाब जब चुपके से जीवन में आता है इस ख्वाब को समज लेने में जीवन का दिन निकल जाता है जिसे समजे तो जीवन आगे जाता है
पर सवाल तो यह होता है वह ख्वाब चुपके से क्यों आता है उसे समज लेना जीवन में अहम बन जाता है ख़्वाबों के अंदर मतलब आता है
तो उसे सीधे देखने की जगह जाने क्यों वह ख्वाब जीवन के अंदर रंग नये लाता है जिन्हे हम परखे तो जीवन खुशियाँ दे जाता है
अगर ऐसा ख्वाब रखे तो जीवन को खुश कर जाता है उस ख्वाब को छुपाना कभी जरुरी नहीं होता है ऐसा ख्वाब जो दुनिया दे जाता है
उसे सबको दिखाने में क्यों कतराना पड़ता है शायद इसलिए की हमें अपने दिल पर भरोसा नहीं होता है जीवन में दिल हर बार ख्वाब नहीं समज लेता है
ख्वाबों के किनारों में ही जीवन को समज लेना उम्मीदें देता है जिन्हे हर बार जो समजे जीवन रोशनी देता है जीवन को परखे तो वह एहसास अलग देता है
ख्वाबों की हर बातों को वह समज नहीं पाता है ओर शायद वह उसी बात को समज लेता है तो आसान नज़र आता है खुशियाँ आसानी से मिलती नहीं है
यह ख़याल ही शायद डर मन में भर देता है और जीवन को खुशियों से आगे ले जाता है जिसे हर बार जो हम समजे जीवन पर कुछ तो असर हो जाता है
ख्वाब का छुपासा असर जीवन में रोशनी दे जाता है ख्वाबों का मतलब जीवन को नई उम्मीदें लाता है ख्वाब जो जीवन का मतलब समजाता है
ख्वाबों के अंदर अलग एहसास हर बार नज़र आता है तो जिस ख्वाब को हम चाहे उसे हक़ से माँगना ही जीवन में हर बार सही लगता है
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