Thursday 29 September 2016

कविता. ९५६. हर शमा रोशनी दे जाये।

                                                             हर शमा रोशनी दे जाये।   
हर शमा रोशनी दे जाये यह जरुरी होती है कुछ शमा के जलने से घरोंदा  जलता है हर तेज रोशनी खुशियों का आना नही होता है शमा के हर एहसास के संग जीवन को अलग अलग हिस्सों मे पहचान लेना हर बार अहम होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये यह जीवन मुमकिन नही होता है कुछ हिस्सों को अँधियारे से लढना हर बार जरुरी होता है पर कुछ हिस्सों का असर देकर आगे बढते जाना ही तो जीवन का अहम किस्सा बनता है जिसे आगे लेकर चलना होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये यह जीवन मे काफी नही होता है जीवन मे रोशनी का अलग अलग किनारों पर कितने तरह का असर होता है जो जीवन को मतलब देकर जाता है जो जीवन मे शमा कि रोशनी को अलग तरह कि उम्मीदों के संग रहकर होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये वह ताकद कहाँ होती है शमा तो कुछ पल मे ही एहसास बदलकर चलती है उस शमा को रोकना आसान नही होता है क्योंकि आगे जो बन जाये उसका कोई अपना पराया अक्सर नही होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये वह जीवन मे आसान नही हो पाता है जीवन मे शमा कि ताकद को समझ लेना जीवन को मतलब सही नही दे पाता है जीवन मे शमा को समझ लेना ही सबसे अहम नजर आता है शमा को परखकर जीवन कई हिस्सों मे आगे लेकर जाता है शमा को परख लेना ही तो जरुरी होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये उसमे उजाला देने कि ताकद नही होती है क्योंकि शमा के भीतर जीवन अलग अलग एहसास देकर चलता है शमा के अंदर उम्मीदे तो होती है पर अगर संभलकर ना ले जाये तो जीवन उस से जलता नजर आता है शमा के अंदर कई एहसासों का जिन्दा रहना होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये हर शमा के अंदर पर धीमे धीमे शमा का असर बदलता चला जाता है शमा को समझकर ही तो जीवन मे उसे इस्तमाल करना होता है शमा के हर बदलाव संग जीवन बदलता जाता है शमा के अंदर के एहसासों के संग ही तो जीवन अपना रंग बदलता नजर आता है क्योंकि शमा को बदलना होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये हर बार ऐसा नही होता है शमा के अंदर कई किसम कि सोच का असर रहता है शमा कभी रोशनी देती है तो कभी कभी उस से घर भी जलता है पर उसे समझ लेना आसान नही होता है तो फिर जाने क्यूँ इन्सान शमा के साथ हर पल खेलता है जब के उसे काबू मे रखना इन्सान से नही होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये हर बार आसान नही होता है कभी कभी शमा को समझ लेना अहम बनता नजर आता है क्योंकि शमा मे ही वह अपनी जरुरत पाता है जो उसके जीवन को रोशनी हर पल देकर आगे बढती चली जाती है पर हर बार शमा को वह समझ नही पाता है जिसे समझ लेना जरुरी होता है।
हर शमा रोशनी दे जाये यह होता नही है क्योंकि उसका समझ लेना जरुरी होता है जब जीवन मे रोशनी हो तो वह सही तरीके से आगे बढ जाये तो असर करता रहता है क्योंकि शमा को समझ लेना हर बार अहम होता है जो जीवन को शमा के एहसास से हर पल देता है जिसे समझ लेना जरुरी होता है। 

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