Sunday 25 September 2016

कविता. ९४८. पानी और किनारा।

                                                      पानी और किनारा।
कोई अलग किनारा जीवन को अलग एहसास देकर आगे जाता है हर किनारा अपनी कहानी लेकर आगे चलता है किनारा तो अपनी बाते कहता जाता है क्योंकि किनारों से ही तो अपनी कहानी हर मोड पर अलग सोच देकर चलती जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को अलग सोच देकर आगे चलते हुए बढता जाता है जो जीवन को अलग एहसास देकर हमे उम्मीदे दे जाता है जो जीवन के इशारे हर बार बदलकर जाता है क्योंकि किनारे कि प्यास तो जीवन को अलग तरह का एहसास दे जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को जरुरी रहता है फिर जाने क्यूँ पानी कि प्यास हर बार रहती है जो जीवन को हर मौके पर अलग एहसास देकर जाती है जो किनारों को अलग तरह की ताकद देती है पर वही पानी की प्यास देकर हर बार आगे बढती जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को समझ अलग तरह कि अलग मकसद देकर जाता है जो किनारों को मतलब हर बार अलग मिलता रहता है क्योंकि किनारों को समझ लेना ही तो जीवन है पर पानी ही तो अक्सर जीवन होता है जिसकी प्यास मेहसूस कियी जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को अलग उम्मीदे देकर आगे बढता जाता है क्योंकि उम्मीदों को समझ लेना ही तो जीवन कि सच्ची आस होती है जो जीवन को कई किनारों को कई हिस्सों मे आगे लेकर चलती रहती है जो जीवन को उम्मीदे देकर जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को अलग समझ देकर आगे बढता जाता है क्योंकि किनारों से ही जीवन कि उम्मीदे लिखी जाती है जो जीवन मे किनारों को समझ कई तरह कि देकर आगे बढती जाती है जो जीवन को उम्मीदे कई किसम कि देकर जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को अलग तरह कि खोज दे जाता है वह बताता है कि जीवन के हर पल मे बदलाव लाता है जो जीवन को किनारों से समझ लेना चाहता है कई किनारों से ही तो जीवन कि सोच मजबूत हर मौके पर हर बार रह जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को अलग मकसद देकर आगे चलती रहती है क्योंकि किनारों मे अलग किसम की कहानी होती है जो पानी के संग ही तो जीवन को ज्यादा दिलचस्प बनाती है क्योंकि पानी और किनारा दोनों कि प्यास जीवन को आगे लेकर जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को समझ अलगसी दे जाता है जो जीवन मे हर मौके पर प्यास अलग दे जाता है जो जीवन को किनारा और पानी को समझ लेने कि ताकद दे जाती है जो जीवन मे किनारों मे भी पानी कि प्यास देकर आगे बढती जाती है।
कोई अलग किनारा जीवन को समझ अलग किसम कि देकर जाता है जो किनारों के अलावा पानी को भी समझ लेना चाहता है जो पानी और किनारा दोनों कि कहानी को समझाता है वही जीवन कि कहानी का मतलब समझ लेता है उसे कहानी समझ आती है।

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