Saturday 24 September 2016

कविता. ९४६. हर लहर पर लिखी बाते।

                                                   हर लहर पर लिखी बाते।
हर लहर पर हम एक कहानी लिखते है वह अक्सर सागर तक ले जाती है हम कभी ना समझ पाये शायद वह सागर तक पहुँचाती भी होती है हमने यह नही सोचा था कि वह जवाब भी देकर आगे बढती जाती है।
हर लहर पर हम कोई कहानी रखकर आगे बढते जाते है क्योंकि लहरों से ही तो जीवन कि कहानी आगे बढती रहती है जो जीवन मे लहरों को अपने साथ रखती है जो जीवन मे लहरों को आगे लेकर चलती हुई जाती है।
हर लहर पर हम कोई सोच रखकर बहते जाते है क्योंकि लहरों के उपर कि जीवन कि कहानी हर बार होती है जो लहरों को समझकर आगे लेकर चलती जाती है वह कहानी लहरों के साथ जीवन को बदलकर जाती है।
हर लहर पर हम कहते है कोई बात मतलब तो देती है पर लहरों पर लिखी बात समुंदर तक पहुँच जाये उतनी आसान जीवन कि बात नही होती है जो लहरों को कहानियाँ तो देकर चलती है पर कब समुंदर पहुँच जाये यह बात आसान नही रह जाती है।
हर लहर पर हम बात समझ तो लेते है पर लहरों को बदलकर बातों को आगे ले जाना यह बात आसान नही होती है जो बात आगे तक पहुँच पाये उस तक जाने कि राह हमे आसानी से समझ नही आती है जो कहाँ राह के आखिर तक जाती है।
हर लहर पर हम बात को बदलाव देकर चलते है जो लहरों को मतलब देकर आगे जाती है जो लहरों के एहसासों के साथ अक्सर आगे बढती रहती है क्योंकि लहरों पर ही तो जीवन कि कहानी हर बार आगे बढती चली जाती है।
हर लहर पर हम बात तो कहते है हर बार लहरों मे बदलाव को समझकर दुनिया को आगे बढते जाने कि जरुरत हर मौके पर अलग एहसास को समझकर आगे चलते रहने कि जरुरत है अलग तरह कि सोच ही जीवन को आगे लेकर जाती है।
हर लहर पर हम बात तो कहते है जाने कि जरुरत हर मोड पर अक्सर रहती है जो लहरों के सहारे हर बार जीवन मे बदलाव देकर चलती है क्योंकि लहरों को एहसास के बदलाव देने कि जरुरत जीवन मे हर बार नया मोड देकर आगे जाती है।
हर लहर पर हम बात तो कहते है जाने कि उम्मीदे देकर आगे बढती रहती है जो लहरों के सहारे आगे हर बार आखिरी मोड तक जाती है जो आखिरी मोड पर जीवन को समझ हर बार देकर आखिरी कोने तक हर बार जाती है।
हर लहर पर हम बात तो कहते है पर कौनसी बात समुंदर तक पहुँच पाती है यह बात समझ नही आती है पर कभी कभी ऐसा लगता है हर बात को लहर समुंदर तक पहुँचाती है पर हर बात मुमकिन नही होती है पर सही बात खूश करती है कि समुंदर तक बात तो पहुँच जाती है।
हर लहर पर हम बात तो कहते है पर जरुरी नही होता है कि हर बात हो जाये बस यह एहसास कि समुंदर हमारी बाते सुनते है कोई कोशिश करता है इसलिए समुंदर कि दोस्ती दिखती है उसमे सबसे ज्यादा खुशियाँ हमे मिल जाती है।

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