Wednesday 15 June 2022

कविता. ४४७३. कोशिश आशाओं के संग।

                              कोशिश आशाओं के संग।

कोशिश आशाओं के संग मुस्कान कि राह दिलाती है लहरों से एहसासों कि कहानी अरमान जगाती है जज्बातों को कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग बदलावों कि पुकार दिलाती है सपनों से अदाओं कि समझ आवाज जगाती है खयालों को उम्मीदों कि सुबह अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग लहरों कि पहचान दिलाती है उजालों से आवाजों कि धून इशारा जगाती है अंदाजों को इरादों कि तलाश अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग कदमों कि आहट दिलाती है लम्हों से इरादों कि समझ बदलाव जगाती है राहों को अरमानों कि धाराएं अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग नजारों कि तलाश दिलाती है राहों से आवाजों कि धून एहसास जगाती है किनारों को अदाओं कि समझ अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग दास्तानों कि उजाला दिलाती है इशारों से खयालों कि उम्मीद आवाज जगाती है अंदाजों को इरादों कि आस अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग बदलावों कि सुबह दिलाती है सपनों से अदाओं कि समझ अरमान जगाती है उमंग को अल्फाजों कि पुकार अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग बदलावों कि सोच दिलाती है नजारों से अल्फाजों कि सुबह रोशनी जगाती है किनारों को तरानों कि राह अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग जज्बातों कि लहर दिलाती है आवाजों से दास्तानों कि सोच इरादा जगाती है बदलावों को नजारों कि तलाश अफसाना दिलाती है।

कोशिश आशाओं के संग सपनों कि सौगात दिलाती है खयालों से उजालों कि परख पहचान जगाती है कदमों को आशाओं कि सरगम अफसाना दिलाती है।


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