Thursday 2 June 2022

कविता. ४४६०. उजालों कि मुस्कान अक्सर।

                            उजालों कि मुस्कान अक्सर।

उजालों कि मुस्कान अक्सर एहसास सुनाती है नजारों को लहरों कि आवाज तलाश दिलाती है अरमान संग दिशाओं कि उमंग दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर अफसाना सुनाती है लम्हों को कदमों कि आहट कोशिश दिलाती है सपनों संग आसमानों कि रंगत दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर इशारा सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि पहचान पुकार दिलाती है नजारों संग आशाओं कि परख दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर तराना सुनाती है अरमानों को खयालों कि सरगम सोच दिलाती है अंदाजों संग नजारों कि बदलाव दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर खयाल सुनाती है राहों को एहसासों कि सुबह तराना दिलाती है आवाज संग आशाओं कि पुकार दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर अहमियत सुनाती है लहरों को इरादों कि सौगात आस दिलाती है उम्मीद संग जज्बातों कि आहट दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर सपना सुनाती है आशाओं को कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है किनारों संग अदाओं कि सुबह दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर अरमान सुनाती है राहों को एहसासों कि तलाश पहचान दिलाती है उम्मीदों संग आवाजों कि धून दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर नजारा सुनाती है दिशाओं को इरादों कि सौगात अल्फाज दिलाती है लम्हों संग खयालों कि सरगम दिलाती है।

उजालों कि मुस्कान अक्सर बदलाव सुनाती है नजारों को अदाओं कि सोच इरादा दिलाती है बदलावों संग कदमों कि समझ दिलाती है।


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