Friday 17 June 2022

कविता. ४४७५. उजालों संग एहसासों कि।

                              उजालों संग एहसासों कि।

उजालों संग एहसासों कि तलाश कहानी सुनाती है नजारों को अदाओं कि सोच इरादा दिलाती है दास्तानों को बदलावों कि राह सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि सुबह अरमान सुनाती है कदमों को किनारों कि पुकार पहचान दिलाती है तरानों को अंदाजों कि राह सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि कोशिश राह सुनाती है तरानों को उम्मीदों कि सौगात आस दिलाती है लम्हों को अरमानों कि धाराएं सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि सौगात खयाल सुनाती है दास्तानों को बदलावों कि उमंग अरमान दिलाती है दिशाओं को इरादों कि सौगात सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि सोच इरादा सुनाती है जज्बातों को दिशाओं कि कोशिश अल्फाज दिलाती है अदाओं को लम्हों कि परख सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि परख पहचान सुनाती है उम्मीदों को खयालों कि सरगम सौगात दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि उम्मीद सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि सरगम इशारा सुनाती है लम्हों को कदमों कि आहट अफसाना दिलाती है इशारों को अंदाजों कि राह सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि आस दास्तान सुनाती है लहरों को अफसानों कि राह सौगात दिलाती है लम्हों को किनारों कि पुकार सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि सुबह आस सुनाती है कदमों को दास्तानों कि सोच मुस्कान दिलाती है नजारों को अदाओं कि समझ सपना दिलाती है।

उजालों संग एहसासों कि सौगात बदलाव सुनाती है आशाओं को इशारों कि मुस्कान कोशिश दिलाती है सपनों को खयालों कि जज्बात सपना दिलाती है।

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