Thursday, 23 June 2022

कविता. ४४८१. आशाओं को जज्बातों कि।

                              आशाओं को जज्बातों कि।

आशाओं को जज्बातों कि पहचान कहानी देती है उम्मीदों को दास्तानों कि समझ निशानी देती है उमंग किसी तलाश को अंदाजों कि मुस्कान देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि धाराएं अंदाज देती है किनारों को खयालों कि सोच एहसास देती है सोच किसी कोशिश को बदलावों कि पुकार देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि सौगात सहारा देती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान देती है लहर किसी मुस्कान को इशारों कि सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि उम्मीद तराना देती है इशारों को नजारों कि आस दास्तान देती है अल्फाज किसी सरगम को अदाओं कि सौगात देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि आस खयाल देती है तरानों को उम्मीदों कि सोच इरादा देती है बदलाव किसी उजाले को कदमों कि सरगम देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि सुबह सपना देती है अंदाजों को आवाजों कि धून मुस्कान देती है तराना किसी बदलाव को दिशाओं कि सोच देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि परख पहचान देती है खयालों को लम्हों कि सौगात आस देती है एहसास किसी सपने को किनारों कि आवाज देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि उमंग पुकार देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश अहमियत देती है उम्मीद किसी इरादे को दास्तानों कि सुबह देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि सोच इरादा देती है लहरों को अफसानों कि सोच इशारा देती है कोशिश किसी नजारे को उजालों कि परख देकर जाती है।

आशाओं को जज्बातों कि सरगम उमंग देती है राहों को दास्तानों कि आस मुस्कान देती है किनारा किसी खयाल को अंदाजों कि सहारा देकर जाती है।

 

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