Thursday, 9 June 2022

कविता. ४४६७. दिशाओं को अरमानों कि।

                             दिशाओं को अरमानों कि।

दिशाओं को अरमानों कि धारा सपना दिलाती है अदाओं को सरगम देकर खयालों कि उम्मीद आवाज सुनाती है राहों को पहचान बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि अदाए तलाश दिलाती है लम्हों को कोशिश देकर आवाजों कि धून मुस्कान सुनाती है दास्तानों को समझ बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि आशा तराना दिलाती है लहरों को सौगात देकर इशारों कि सोच इरादा सुनाती है उजालों को पुकार बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि आवाज कोशिश दिलाती है नजारों को एहसास देकर कदमों कि आहट अल्फाज सुनाती है लम्हों को सोच बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि लहर खयाल दिलाती है सपनों को इरादा देकर जज्बातों कि सौगात आस सुनाती है तरानों को उमंग बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि पुकार सुबह दिलाती है इशारों को आस देकर अंदाजों कि मुस्कान उमंग सुनाती है खयालों को सौगात बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि समझ तराना दिलाती है लहरों को पहचान देकर उम्मीदों कि राह परख सुनाती है नजारों को मुस्कान बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि राह आवाज दिलाती है किनारों को राह देकर आशाओं कि पुकार सौगात सुनाती है इरादों को तलाश बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि कोशिश परख दिलाती है लम्हों को सरगम देकर जज्बातों कि सोच इरादा सुनाती है आवाजों को धून बदलाव दिलाती है।

दिशाओं को अरमानों कि रोशनी खयाल दिलाती है राहों को सुबह देकर कदमों कि सुबह एहसास सुनाती है अल्फाजों को पुकार बदलाव दिलाती है।

 

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