Monday, 27 June 2022

कविता ४४८५. उम्मीदों पर अंदाजों कि।

                                      उम्मीदों पर अंदाजों कि।

उम्मीदों पर अंदाजों कि राह सरगम सुनाती है तरानों को बदलावों कि उमंग सौगात देती है नजारों को एहसासों कि तलाश खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि मुस्कान कोशिश सुनाती है राहों को अरमानों कि धाराएं आस देती है अल्फाजों को आवाजों कि धून खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि रोशनी अफसाना सुनाती है अदाओं को लम्हों कि कहानी दास्तान देती है सपनों को बदलावों कि राह खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि आस इशारा सुनाती है दिशाओं को कदमों कि आहट अफसाना देती है तरानों को इशारों कि सोच खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि सुबह एहसास सुनाती है नजारों को आवाजों कि धून एहसास देती है कदमों को आशाओं कि मुस्कान खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि समझ तलाश सुनाती है लहरों को अफसानों कि सोच इशारा देती है जज्बातों को दिशाओं कि उमंग खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि परख पहचान सुनाती है उजालों को अल्फाजों कि आस पुकार देती है इशारों को अरमानों कि धाराएं खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि लहर सपना सुनाती है अदाओं को कि किनारों आहट सहारा देती है किनारों को आशाओं कि परख खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि आस दास्तान सुनाती है कदमों को आवाजों कि राह कोशिश देती है नजारों को एहसासों कि रोशनी खयाल सुनाती है।

उम्मीदों पर अंदाजों कि सौगात तलाश देती है किनारों को अदाओं कि समझ एहसास देती है कदमों को दास्तानों कि कोशिश खयाल सुनाती है।

 

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