Saturday 17 September 2022

कविता. ४५६७. सपनों को एहसासों कि।

                                        सपनों को एहसासों कि।

सपनों को एहसासों कि रोशनी मुस्कान दिलाती है सपनों कि पहचान अक्सर इशारा देती है नजारों से अरमानों कि सुबह आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि समझ नजारा दिलाती है जज्बातों कि सोच अक्सर अफसाना देती है दिशाओं से आवाजों कि पुकार आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि राह अरमान दिलाती है लम्हों कि आहट अक्सर बदलाव देती है जज्बातों से लहरों कि सरगम आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि परख सुबह दिलाती है कदमों कि सरगम अक्सर उजाला देती है अंदाजों से आशाओं कि सोच आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि सोच अल्फाज दिलाती है राहों कि पुकार अक्सर सहारा देती है इशारों से खयालों कि समझ आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि उमंग पहचान दिलाती है लहरों कि सोच अक्सर खयाल देती है राहों से अफसानों कि रोशनी आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि सौगात किनारा दिलाती है दिशाओं कि सुबह अक्सर सुबह देती है कदमों से उजालों कि सौगात आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि उम्मीद इरादा दिलाती है जज्बातों कि मुस्कान अक्सर अहमियत देती है बदलावों से लम्हों कि पुकार आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि तलाश अफसाना दिलाती है सपनों कि सौगात अक्सर तराना देती है नजारों से उम्मीदों कि लहर आस सुनाती है।

सपनों को एहसासों कि आवाज सरगम दिलाती है अदाओं कि परख अक्सर जज्बात देती है खयालों से आशाओं कि सौगात आस सुनाती है।

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