Wednesday 7 September 2022

कविता. ४५५७. सपनों के अरमानों कि।

                                         सपनों के अरमानों कि।

सपनों के अरमानों कि लहर सहारे देती है दिशाओं को एहसासों कि समझ तलाश दिलाती है लम्हों कि सरगम अक्सर बदलावों के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि सुबह दास्तान देती है कदमों को अंदाजों कि सौगात अल्फाज दिलाती है राहों कि पहचान अक्सर खयालों के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि सोच कोशिश देती है नजारों को दिशाओं कि राह आस दिलाती है उजालों कि पुकार अक्सर आस के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि राह आवाज देती है जज्बातों को आशाओं कि सरगम रोशनी दिलाती है उम्मीदों कि सोच अक्सर लहरों के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि सौगात परख देती है किनारों को अल्फाजों कि पुकार सुबह दिलाती है जज्बातों कि मुस्कान अक्सर राहों के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि पुकार रोशनी देती है कदमों को उजालों कि पहचान दास्तान दिलाती है लम्हों कि अहमियत अक्सर कोशिश के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि आस सरगम देती है जज्बातों को कदमों कि आहट पुकार दिलाती है अदाओं कि परख अक्सर तरानों के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि राह अफसाना देती है किनारों को अल्फाजों कि सौगात आस दिलाती है नजारों कि सोच अक्सर दिशाओं के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि परख सहारा देती है दास्तानों को अंदाजों कि सरगम तलाश दिलाती है लम्हों कि पहचान अक्सर आवाजों के इशारे लाती है।

सपनों के अरमानों कि रोशनी मुस्कान देती है दिशाओं को तरानों कि लहर अल्फाज दिलाती है जज्बातों कि पुकार अक्सर उम्मीदों के इशारे लाती है।

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