Monday 5 September 2022

कविता. ४५५५. कोशिश को एहसासों कि।

                                     कोशिश को एहसासों कि।

कोशिश को एहसासों कि समझ सपना दिलाती है लम्हों को खयालों कि पुकार सहारा देती है तरानों को आशाओं कि सरगम इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि रोशनी पुकार दिलाती है लहरों को नजारों कि पहचान मुस्कान देती है राहों को अंदाजों कि आस इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि सौगात जज्बात दिलाती है सपनों को अरमानों कि सोच तलाश देती है आवाजों को बदलावों कि आस इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि पहचान किनारा दिलाती है अदाओं को दिशाओं कि समझ नजारा देती है उजालों को नजारों कि तलाश इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि परख सुबह दिलाती है आशाओं को दास्तानों कि सोच बदलाव देती है लहरों को आवाजों कि धून इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि उमंग अहमियत दिलाती है उजालों को सपनों कि रोशनी खयाल देती है जज्बातों को कदमों कि आहट इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि आस सरगम दिलाती है लम्हों को जज्बातों कि सोच अफसाना देती है उम्मीदों को किनारों कि रोशनी इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि अल्फाज उम्मीद दिलाती है नजारों को दिशाओं कि समझ पहचान देती है लम्हों को अदाओं कि परख इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि राह मुस्कान दिलाती है खयालों को अंदाजों कि सौगात सुबह देती है नजारों को दिशाओं कि समझ इशारा दिलाती है।

कोशिश को एहसासों कि आवाज रोशनी दिलाती है सपनों को आशाओं कि पहचान सोच देती है इरादों को अदाओं कि सौगात इशारा दिलाती है।


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