Thursday 15 December 2022

कविता. ४६५६. सपनों कि मुस्कान अक्सर।

                              सपनों कि मुस्कान अक्सर।

सपनों कि मुस्कान अक्सर अरमानों कि कोशिश पहचान दिलाती है कदमों कि आहट से आशाओं कि सरगम आवाज देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर उम्मीदों कि तलाश इशारा दिलाती है लहरों कि पहचान से खयालों कि अहमियत बदलाव देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर उजालों कि सुबह दास्तान दिलाती है बदलावों कि सौगात से दिशाओं कि कहानी अफसाना देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर जज्बातों कि अहमियत इरादा दिलाती है नजारों कि पहचान से एहसासों कि उमंग कोशिश देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर तरानों कि कोशिश रोशनी दिलाती है किनारों कि सरगम से अरमानों कि सुबह पहचान देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर अंदाजों कि आस बदलाव दिलाती है खयालों कि समझ से अल्फाजों कि सरगम परख देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर उम्मीदों कि लहर तलाश दिलाती है उजालों कि पुकार से दिशाओं कि कहानी अहमियत देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर दास्तानों कि राह इशारा दिलाती है लहरों कि कोशिश से आशाओं कि पहचान अरमान देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर नजारों कि सोच पहचान दिलाती है इशारों कि सौगात से दास्तानों कि सरगम अफसाना देकर जाती है।

सपनों कि मुस्कान अक्सर अल्फाजों कि आवाज अहमियत दिलाती है उजालों कि राह से खयालों कि समझ किनारा देकर जाती है।

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