Friday 16 December 2022

कविता. ४६५७. इशारों कि समझ अक्सर।

                                  इशारों कि समझ अक्सर।

इशारों कि समझ अक्सर अरमानों कि तलाश दिलाती है जज्बातों कि पहचान से आशाओं कि कोशिश अल्फाजों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर जज्बातों कि सोच दिलाती है कदमों कि अहमियत से खयालों कि पुकार अफसानों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर दास्तानों कि परख दिलाती है एहसासों कि कोशिश से अंदाजों कि तलाश एहसासों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर अंदाजों कि कोशिश दिलाती है अफसानों कि तलाश से आवाजों कि पहचान उजालों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर तरानों कि पहचान दिलाती है अरमानों कि सौगात से कदमों कि उम्मीद दास्तानों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर अल्फाजों कि मुस्कान दिलाती है लम्हों कि पुकार से दिशाओं कि अहमियत बदलावों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर लहरों कि कोशिश दिलाती है एहसासों कि रोशनी से कदमों कि परख किनारों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर नजारों कि सौगात दिलाती है लहरों कि अहमियत से एहसासों कि कोशिश आवाजों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर खयालों कि परख दिलाती है नजारों कि पहचान से अंदाजों कि अहमियत अरमानों कि सरगम सुनाती है।

इशारों कि समझ अक्सर उजालों कि रोशनी दिलाती है सपनों कि अहमियत से आवाजों कि कहानी अफसानों कि सरगम सुनाती है।

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कविता. ५२७०. उजालों से अरमानों की।

                               उजालों से अरमानों की। उजालों से अरमानों की मुस्कान एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की समझ अहमियत देकर जाती है...