Tuesday, 20 December 2022

कविता. ४६६१. आशाओं को बदलावों कि।

                               आशाओं को बदलावों कि।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान तलाश सुनाती है लम्हों कि पुकार अक्सर दिशाओं कि पहचान दिलाती है नजारों को सपनों कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान आहट सुनाती है अरमानों कि सौगात अक्सर इरादों कि कोशिश दिलाती है इशारों को लम्हों कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान इशारा सुनाती है जज्बातों कि कोशिश अक्सर खयालों कि समझ दिलाती है अल्फाजों को राहों कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान अरमान सुनाती है दास्तानों कि परख अक्सर दिशाओं कि कहानी दिलाती है इरादों को नजारों कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान इरादा सुनाती है अंदाजों कि आस अक्सर कदमों कि आहट दिलाती है अरमानों को दिशाओं कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान आस सुनाती है एहसासों कि सोच अक्सर दास्तानों कि पहचान दिलाती है लहरों को अंदाजों कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान आवाज सुनाती है उजालों कि समझ अक्सर जज्बातों कि राह दिलाती है इशारों को अदाओं कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान सरगम सुनाती है लहरों कि कोशिश अक्सर खयालों कि पुकार दिलाती है नजारों को आवाजों कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान एहसास सुनाती है दिशाओं कि समझ अक्सर अल्फाजों कि रोशनी दिलाती है जज्बातों को कदमों कि सुबह दिलाती है।

आशाओं को बदलावों कि मुस्कान अदा सुनाती है एहसासों कि रोशनी अक्सर नजारों कि सौगात दिलाती है खयालों को अंदाजों कि सुबह दिलाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...