Saturday, 31 December 2022

कविता. ४६७२. लम्हों कि कहानी अक्सर।

                                     लम्हों कि कहानी अक्सर।

लम्हों कि कहानी अक्सर इशारे देती है तरानों को अरमानों कि आहट सहारे देती है कदमों संग किनारों कि मुस्कान अफसाने देकर अरमान जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर दास्ताने देती है नजारों को दिशाओं कि समझ सपना देती है नजारों संग आवाजों कि धून परख देकर उम्मीद जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर किनारे देती है बदलावों को राहों कि रोशनी कोशिश देती है उजालों संग कदमों कि आहट पहचान देकर उमंग जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर उम्मीदे देती है लहरों को नजारों कि सोच पुकार देती है अरमानों संग इशारों कि रोशनी जज्बात देकर आस जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर उजाले देती है इरादों को खयालों कि समझ सपना देती है इरादों संग आशाओं कि सरगम बदलाव देकर आवाज जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर लहरे देती है राहों को अदाओं कि पुकार पहचान देती है कदमों संग आवाजों कि धून रोशनी देकर अहमियत जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर तराने देती है खयालों को अंदाजों कि आस एहसास देती है अरमानों संग जज्बातों कि सोच पुकार देकर सौगात जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर अफसाने देती है इशारों को दिशाओं कि समझ जज्बात देती है किनारों संग सपनों कि परख तलाश देकर एहसास जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर राहे देती है आशाओं को बदलावों कि सोच मुस्कान देती है उम्मीदों संग बदलावों कि आस सरगम देकर अंदाज जगाती है।

लम्हों कि कहानी अक्सर इशारे देती है उजालों को सपनों कि आस सरगम देती है दिशाओं संग रोशनी कि आहट आवाज देकर राह जगाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...