Friday 1 September 2023

कविता. ४९१६. उमंग से आशाओं की।

                                         उमंग से आशाओं की।

उमंग से आशाओं की मुस्कान सरगम सुनाती है सपनों को एहसासों की तलाश इरादा देती है कदमों को उजालों की पहचान खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की रोशनी तलाश सुनाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश अदा देती है किनारों को सपनों की परख खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की सौगात तराना सुनाती है जज्बातों को कदमों की आहट अंदाज देती है दास्तानों को एहसासों की कहानी खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की लहर आवाज सुनाती है दास्तानों को अरमानों की पुकार बदलाव देती है अंदाजों को दिशाओं की सोच खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की आहट सुबह सुनाती है दिशाओं को लहरों की मुस्कान अहमियत देती है तरानों को जज्बातों की रोशनी खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की राह दास्तान सुनाती है नजारों को अदाओं की पहचान आस देती है उजालों को किनारों की सुबह खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की कोशिश सोच सुनाती है लम्हों को अरमानों की आहट परख देती है अफसानों को इशारों की कहानी खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की पहचान नजारा सुनाती है बदलावों को दिशाओं की समझ तलाश देती है कदमों को उम्मीदों की राह खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की रोशनी आस सुनाती है इरादों को आवाजों की धून अफसाना देती है किनारों को अरमानों की आहट खयाल दिलाती है।

उमंग से आशाओं की परख समझ सुनाती है अदाओं को इशारों की आस बदलाव देती है अल्फाजों को राहों की सौगात खयाल दिलाती है।

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