Friday 29 September 2023

कविता. ४९४४. उजालों की सुबह अक्सर।

                                   उजालों की सुबह अक्सर

उजालों की सुबह अक्सर अरमानों से कोशिश सुनाती है अदाओं को दिशाओं संग एहसास सुनाती है कदमों को जज्बातों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर दास्तानों से पुकार सुनाती है अंदाजों को बदलावों संग खयाल सुनाती है आशाओं को इशारों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर अंदाजों से खयाल सुनाती है लम्हों को नजारों संग अंदाज सुनाती है लम्हों को अरमानों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर आशाओं से पहचान सुनाती है कदमों को बदलावों संग समझ सुनाती है अल्फाजों को राहों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर किनारों से सौगात सुनाती है उम्मीदों को आवाजों संग अफसाना सुनाती है नजारों को खयालों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर लम्हों से आहट सुनाती है तरानों को सपनों संग अहमियत सुनाती है जज्बातों को किनारों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर लहरों से कोशिश सुनाती है बदलावों को दिशाओं संग आस सुनाती है तरानों को दास्तानों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर सपनों से सहारा सुनाती है आशाओं को कदमों संग आवाज सुनाती है लहरों को अल्फाजों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर तरानों से समझ सुनाती है लम्हों को अफसानों संग खयाल सुनाती है किनारों को राहों की सरगम दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर इशारों से सौगात सुनाती है इरादों को अदाओं संग कोशिश सुनाती है आशाओं को अल्फाजों की सरगम दिलाती है।

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