Saturday, 30 September 2023

कविता. ४९४५. कोशिश संग आवाजों की।

                              कोशिश संग आवाजों की।

कोशिश संग आवाजों की धून तलाश दिलाती है खयालों को अंदाजों की समझ इरादा सुनाती है इशारों को लम्हों की पहचान देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की राह एहसास दिलाती है लहरों को कदमों की धून सपना सुनाती है अरमानों को दिशाओं की कहानी देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की सौगात तराना दिलाती है दास्तानों को अदाओं की परख खयाल सुनाती है अंदाजों को जज्बातों की रोशनी देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की परख मुस्कान दिलाती है तरानों को अरमानों की आहट सरगम सुनाती है उजालों को नजारों की सौगात देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की सुबह परख दिलाती है कदमों को उजालों की राह अरमान सुनाती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की आस किनारा दिलाती है खयालों को अल्फाजों की रोशनी आस सुनाती है आशाओं को बदलावों की उमंग देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की दास्तान उमंग दिलाती है इरादों को अफसानों की सौगात पुकार सुनाती है एहसासों को अदाओं की आस देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की पहचान लहर दिलाती है लम्हों को कदमों की सोच अफसाना सुनाती है दिशाओं को अंदाजों की आहट देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की अदा अहमियत दिलाती है नजारों को अदाओं की कहानी तराना सुनाती है उजालों को सपनों की सोच देकर जाती है।

कोशिश संग आवाजों की रोशनी खयाल दिलाती है आशाओं को अरमानों की पुकार अंदाज सुनाती है जज्बातों को दास्तानों की अल्फाज देकर जाती है।

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कविता. ५४७२. ज्ञएहसास की कोई।

                           एहसास की कोई। एहसास की कोई पुकार तलाश दिलाती है कदमों को जज्बातों की आहट उजाला देकर जाती है अरमानों की आस सुनाती ...