Thursday 7 September 2023

कविता.४९२२. राहों को अरमानों की।

                                       राहों को अरमानों की।

राहों को अरमानों की मुस्कान अक्सर अफसाना देती है कदमों को अदाओं की पहचान कोशिश दिलाती है लहरों को खयालों की आहट एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की कोशिश अक्सर खयाल देती है किनारों को सपनों की सुबह पुकार दिलाती है उजालों को बदलावों की सोच एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की आस अक्सर पुकार देती है खयालों को अंदाजों की आस परख दिलाती है सपनों को एहसासों की कहानी एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की सरगम अक्सर उमंग देती है तरानों को उम्मीदों की कहानी समझ दिलाती है लम्हों को दास्तानों की परख एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की परख अक्सर अल्फाज देती है नजारों को दिशाओं की सौगात खयाल दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की आस एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की सोच अक्सर मुस्कान देती है अफसानों को आशाओं की राह तलाश दिलाती है कदमों को उजालों की सुबह एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की लहर अक्सर तराना देती है सपनों को इशारों की सरगम सहारा दिलाती है आवाजों को बदलावों की मुस्कान एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की समझ अक्सर उम्मीद देती है लम्हों को खयालों की परख अदा दिलाती है अल्फाजों को इरादों की सौगात एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की आवाज अक्सर आस देती है इरादों को किनारों की उमंग कदम दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह एहसास सुनाती है।

राहों को अरमानों की रोशनी अक्सर तलाश देती है बदलावों को लम्हों की पहचान आस दिलाती है किनारों को अल्फाजों की रोशनी एहसास सुनाती है।

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