Saturday 9 September 2023

कविता. ४९२४. उमंग को सपनों की।

                                      उमंग को सपनों की।

उमंग को सपनों की पहचान उजाला दिलाती है अंदाजों को राहों संग एहसासों की तलाश देकर जाती है जज्बातों को कदमों की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की अहमियत इशारा दिलाती है लम्हों को खयालों संग किनारों की सोच देकर जाती है इशारों को अल्फाजों की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की सरगम पुकार दिलाती है उम्मीदों को दिशाओं संग नजारों की आस देकर जाती है दास्तानों को एहसासों की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की सौगात परख दिलाती है लहरों को दास्तानों संग अरमानों की आहट देकर जाती है अल्फाजों को लहरों की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की कोशिश सरगम दिलाती है इरादों को आशाओं संग तरानों की पुकार देकर जाती है अदाओं को नजारों की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की समझ तलाश दिलाती है कदमों को उजालों संग अंदाजों संग कदमों की पहचान देकर जाती है किनारों को राहों की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की आस किनारा दिलाती है दिशाओं को बदलावों संग अरमानों की समझ देकर जाती है आवाजों को अदाओं की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की राह पहचान दिलाती है किनारों को लम्हों संग खयालों की मुस्कान देकर जाती है अफसानों को लहरों की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की दास्तान बदलाव दिलाती है अरमानों को जज्बातों संग लम्हों की कोशिश देकर जाती है एहसासों को राहों की सुबह दिलाती है।

उमंग को सपनों की मुस्कान रोशनी दिलाती है अंदाजों को इरादों संग अफसानों की सौगात देकर जाती है खयालों को अंदाजों की सुबह दिलाती है।

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